सोलन ब्यूरो
चुनाव जीतने के लिए हर पार्टी कई वादे करती हैं लेकिन लोग इतने समझदार तो हो गए हैं कि सभी पार्टियों की मंशा और कार्यक्षमता को जानते हैं। भोली भाली जनता शांत रहती है लेकिन मीडिया के सवालों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। सोलन में यह हाल कांग्रेस का हो गया है। नगर निगम सोलन का चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने कई वादे किये लेकिन अब वही वादे कांग्रेस के लिए गले की फांस बनती नज़र आ रही है। 100 रूपए में सोलन की जनता को नियमित पानी देने का वादा करने वाली कांग्रेस अब वादे से पलट चुकी है। हालांकि नगर निगम मेयर पूनम ग्रोवर ने 100 रूपए में पानी देने की घोषणा तो की लेकिन शर्ते साथ जोड़ दी। उनका कहना था कि 100 रूपए प्रति महीना पानी का बिल ही घरेलू कनेक्शनों को मिलेगा लेकिन शर्त यह होगी कि 12500 लीटर पानी हर महीने मिलेगा, हालांकि इस शर्त पर उन्होंने पानी का दुरुपयोग रोकने का हवाला दिया लेकिन नियम व शर्ते चुनाव के बाद रखना जायज़ नहीं। बहरहाल दूसरी बात यह भी निकली कि 12500 लीटर पानी देने से मकानमालिक और किरायेदारों के घर की ज़रुरत कैसे पूरी होगी। इसका मतलब है कि अधिक कनेक्शन लेने की ज़रूरत हो सकती है।
दूसरी बात यह है कि इससे अधिक पानी का इस्तेमाल करने पर साधारण दरें ही वसूल की जाएंगी। जिनके पानी के मीटर ठीक से कार्य नहीं कर रहे होंगे
उनसे 250 रूपये प्रति माह जुर्माना भी वसूला जाएगा। अवैध कनेक्शन लगाने वाले उपभोक्ताओं को चेतावनी मिली है कि 20 हजार तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
संक्षिप्त में कहा जाए तो गले की फांस बन चुके सस्ते पानी के मुद्दे को कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए इस्तेमाल तो किया लेकिन अब इसे मजबूरी में लागू भी कर दिया लेकिन इसमें भी नियम और शर्ते लागू कर कांग्रेस अपने ही जाल में खुद फंस गई है। बहरहाल 02 अक्टूबर 2021 से 100 रूपए में पानी देने की नगर निगम की यह व्यवस्था शुरू हो जायेगी लेकिन असल कमियां और फायदे इसके लागू होने के बाद ही पता चलेंगे।