Sirmour: मटर उत्पादक किसानों पर कुदरत की मार, दाम मिले तो फसल तबाह

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हरिपुरधार: दिपांशु शर्मा

गिरिपार क्षेत्र में अगर फसलों की बात की जाए तो मटर की फसल की तुड़ाई हो चुकी है। मटर की फसल का अपडेट इस वर्ष निराश जनक रहा है, बेमौसमी बारिश के कारण मटर की फसल को बड़ी भारी क्षति हुई है। खराब फसल के चलते किसान काफी मायूस नजर आए, ऊंचाई वाले क्षेत्र में फसलें ज़्यादा प्रभावित हुई हैं और काम ऊंचाई वाले क्षेत्रों मे फसल का थोड़ा बचाव किया जा सका है।

आपको बता दें कि लहसुन के बाद मटर क्षेत्र की अहम आर्थिक फसल है। मटर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने का काम करता है, ऐसे में मटर का खराब होना किसानों के लिए मायूसी का कारण बन रहा है। हालांकि मटर का रेट इस बार गत वर्षों से कई गुना अच्छा हैं मगर फसल खराब होने से क्षेत्र के किसानों को इस वर्ष कुछ खास लाभ नहीं हो पाया। वर्तमान में अगर मटर के मूल्यों की बात की जाए तो ए क्वालिटी का मूल्य 75 से ₹80 प्रति किलो का चल रहा है। वही बी ग्रेड का मूल्य 40 से 45 रूपए प्रति किलो है। इसके अलावा डैमेज मटर का मूल्य करीब ₹30 प्रति किलो है।

जानकारी के अनुसार फसल की सप्लाई जयपुर ,सोलन धर्मपुर, दिल्ली ,करनाल और सोनीपत तक की जा रही है वहीँ अच्छी क्वालिटी का मटर जो बारिश की मार से बच गया है वह दक्षिण भारत के अलावा पश्चिम बंगाल में भेजा जा रहा है। गिरी पार क्षेत्र के मटर की वहां काफी अच्छी मांग है।