सोलन: अनिल ठाकुर
22-May-2021
कोरोना दौर में सरकार आम लोगों को सही इलाज दिलाने सहित राशन जैसी चीज़ें उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। कुछ दिनों पहले मुख्यमन्त्री ने कोरोना कर्फ्यू में हरसंभव मदद लोगों तक पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रतिनिधियों पर ज़िम्मेदारी डाली थी। प्रतिनिधि भी बखूबी कार्य कर रहे हैं लेकिन गरीब तबका अभी भी चिंतित है। इन परिवारों में सोलन के चम्बाघाट के करीब झुग्गी झोंपड़ियों में रहने वाला एक परिवार जो कबाड़ इकठ्ठा करके अपनी रोज़ी रोटी चलाता है। परिवार वालों का कहना है कि ऐसा नहीं है कि परिवार को किसी ने सहायता उपलब्ध नहीं करवाई। कुछ दिनों पहले ही किसी ने कुछ दिनों का राशन उनके लिए उपलब्ध करवाया था लेकिन उससे पहले उनकी रोज़ी चलानी मुश्किल हो गई थी। दूसरी ओर कुछ दिनों बाद जब राशन ख़त्म हो जाएगा तो फिर उन्हें कौन राशन उपलब्ध करवाएगा।
परिवार के मुखिया रुंगा नाथ ने बताया कि उनके बच्चे कबाड़ उठाने का काम करते हैं उसी से घर की रोज़ी रोटी चलती है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सभी साधन बंद हो गए हैं हम घर के बूढ़े आदमी तो मांग कर भी खा लिया करते हैं लेकिन अब वो भी बंद हो गया है / दुकाने बंद होने के बाद अब बच्चों का कबाड़ उठाने का काम भी बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि वे सब झुग्गी झोंपड़ी में रहते हैं। गरीब परिवार है। सरकार को उनकी कोई मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि उनकी किसी ने कुछ मदद नहीं की। कुछ दिनों पहले कुछ लोग उन्हें खाना दे गए थे जिसमे से कुछ पड़ा भी है। लेकिन आगे का सोच कर वे चिंतित हैं।
परिवार की एक सदस्या रीना ने बताया कि वे दुकानों से कबाड़ इकठा करते हैं। कोरोना के इस दौर में कमाने के लाले पड़ गए हैं। बाजार में निकलने का कोई फायदा नहीं है बाजार जाते हैं तो लोग तंग करते हैं। ऐसे में आखिर क्या करें। सारा काम धंधा बंद हो गया है।
परिवार की एक और सदस्या आरती का कहना है कि सरकार की ओर से कुछ मदद मिली थी जिसमे से कुछ बचा हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के दौर में वे बाहर तो नहीं निकल सकते लेकिन सरकार उन्हें राशन, तेल आदि उपलब्ध करवाती रहे और उन्हें कुछ नहीं चाहिए।