हिमाचल में रात के समय मिलेगी सस्ती बिजली, रात के समय कार्य पर ज़ोर दे सकते हैं उद्योग

Sharing is caring!

कोरोनाकाल में हिमाचल प्रदेश के उद्योगों को बड़ी राहत देते हुए रात के समय प्रयोग होने वाली बिजली को सस्ता किया गया है। 70 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर को 30 पैसे घटाकर अब 40 पैसे किया गया है। पीक आवर्स में 6.10 रुपये प्रति यूनिट शुल्क को भी 50 पैसे घटाकर 5.60 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा 18 लाख से अधिक घरेलू, व्यावसायिक और कृषि उपभोक्ताओं को भी दाम न बढ़ाकर राहत दी गई है। 

बीते वर्ष तय हुई बिजली दरें ही इस वर्ष भी लागू रहेंगी। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2021-22 के लिए बिजली दरें जारी कर दी हैं, जो 1 जून से लागू हो जाएंगी। राज्य सरकार की ओर से घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए इस वित्तीय वर्ष में बिजली बोर्ड को 424.74 करोड़ की सब्सिडी दी गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी।

इसी कड़ी में आयोग ने सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद कोरोना संकट को देखते हुए घरेलू बिजली को महंगा नहीं करने का फैसला लिया है। आयोग ने बिजली बोर्ड को इस वित्तीय वर्ष में 6080.88 करोड़ की आय होने का अनुमान लगाया है। आयोग ने बीते दिनों बिजली दरें तय करने के लिए ऑनलाइन जन सुनवाई की थी। इस दौरान सभी वर्गों के उपभोक्ताओं ने बिजली महंगी नहीं करने की वकालत की थी। 

घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लागू होंगी ये दरें
स्लैब                        यूनिट                   दाम रुपये में
लाइफलाइन उपभोक्ता    
 0-60                 1.00
पहला                    
  0-125                     1.55
दूसरा                      
 0-125                     1.55
दूसरा                        
126-300                  3.95
तीसरा                        
0-125                     1.85
तीसरा                      
126-300                  3.95
तीसरा                        
300 से अधिक         5.00     
प्रीपेड मीटर                
  ——–               3.95 (प्रति यूनिट)


 
एक जून के बाद उत्पादन शुरू करने वाले उद्योगों पर 15 फीसदी कम लगेगा बिजली शुल्क
प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आयोग ने एक जून 2021 से उत्पादन शुरू करने वाले उद्योगों को निर्धारित किए गए एनर्जी शुल्क पर आगामी तीन वर्षों तक 15 फीसदी की कमी करने का फैसला लिया है। इसके अलावा एक जून के बाद उद्योगों का विस्तार करने वालों को भी आगामी तीन वर्षों के दौरान 15 फीसदी एनर्जी शुल्क कम देना होगा।