हिमाचल में बनी 9 दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैें। यह खुलासा केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा जारी ड्रग अलर्ट में हुआ। देश भर से 681 दवाओं के सैंपल जांच के लिए भरे गए थे जिसमें से 642 दवाओं की क्वालिटी स्टेंडर्ड पाई गई जबकि 39 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतर पाई हैं।
हिमाचल ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह ने बताया कि जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर किए जा रहे है। जिन उद्योगों के बार-बार सैंपल फेल पाए जाते है उन उद्योगों का निरीक्षण किया जाएगा और एक्ट अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उद्योगों को मार्किट से स्टॉक वापिस लेने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
इन दवाओं के सैंपल फेल
फेल हुई दवाओं में जी लैबोरेट्रीज पांवटा साहिब की दवा एसीक्लोफेनॉक टैबलेट-100 का बैच नंबर 420-576, साइपर फार्मा बद्दी की दवा एम्पीसिलीन कैप्सूल का बैच नंबर एएमपी-19 बी 03, हाविक फार्मा संसारपुर टैरेस कांगड़ा की दवा मेकोबालामिन, पाइरोडोक्सीन इंजैक्शन का बैच एचएल-403ए, ट्यूलिप फॉर्मुलेशन सुरजपुर कांगड़ा की दवा आइबूप्रोफेन टैबलेट का बैच. 21001, टैरेस फार्मास्युटिकल कांगड़ा की दवा सेफीक्सीम टैबलेट-200 एमजी का बैच टीपीटी जीओवी-2231, साइबिलिस ड्रग्स पांवटा साहिब की दवा साइप्रमेथ्रिन का बैच.सीपी-245, लैब बद्दी की दवा मैडोक्सोमिल टैबलेट के अलावा कालाअंब स्थित विजन उद्योग की दवा कलोरफेनिरामाइन का बैच फेल पाया गया है।
वहीं इसके अलावा पंजाब की फार्मा उद्योगों में से टॉक्सा लाइफसाइजिज डेराबस्सी मोहाली की प्रेगबालिन कैप्सूल की बैच टीएलसी-441, मेरिकोबाल कैप्सूल का बैच टीएलसी-262, बैनसन फार्मास्युिटक्ल नाभा पंजाब की दवा कैल्शियम कार्बोनेट का बैच बीपीटी-6617 व ओएलक्ल का बैच बीपीटी-6611 व ओवरसिस हेल्थकेयर फिलौर पंजाब की दवा गुडविट फॉलिकएसिड की बैच जीवीटी-76 शामिल है।