हिमाचल प्रदेश में मानसून गहरे जख्म दे रहा है। पहली जून से 23 अगस्त तक मानसून की बौछारें प्रदेश को 865 करोड़ की चपत लगा चुकी है। राज्य में राजस्व के साथ-साथ मानसून सीजन में कई लोग अंकाल मौत का ग्रास भी बने है। प्रदेश में सोमवार को तीन मौतें हुई हैं। हमीरपुर, मंडी व ऊना में एक-एक मौत हुई है। इन मौतों के साथ प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान मरने वालों की संख्या 305 तक पहुंच गई है। प्रदेश के आंकडों पर नजर दौड़ाई जाए तो बिलासपुर में 14, चंबा में 30, हमीरपुर में नौ, कांगड़ा में 31, किन्नौर में 44, कुल्लू में 18, लाहुल-स्पीति में 21, मंडी में 27, शिमला में 42, सिरमौर में 29, सोलन में 21 और 19 मौतें हो चुकी है। राज्य में अभी भी 11 लोग लापता चल रहे है।इमसें चंबा में दो, कांगड़ा में एक, किन्नौर में दो, कुल्लू में तीन, लाहुल-स्पीति में दो, और सोलन में एक व्यक्ति लापता चल रहा है। प्रदेश में बरसात के दौरान 579 गोवंश की भी मौत हुई है। बरसात के दौरान प्रदेश में 44 पक्के मकान व 92 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हुए है। इसके अलावा 122 पक्के और 563 कच्चे मकानों को आशिंक नुकसान पहुंचा है। लोक निर्माण विभाग को 518 करोड़ व जलशक्ति विभाग को आईपीएच को 221 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसके अलावा बरसात ने कृषि व बागबानी विभाग को भी लाखों की चपत लगी है। मौसम विभाग द्वारा राज्य में मानसून के सक्रिय रहने का पूर्वानुमान लगाया है।
