हिमाचल प्रदेश में पहाड़ों से धीरे-धीरे बर्फ की चादर सरक रही है। पिछले एक साल में ही बर्फ से ढकी रहने वाली चोटियों के क्षेत्र में नौ से 23 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। अक्टूबर में सबसे अधिक 51 से 77 फीसद तक की गिरावट देखने को मिली। प्रदेश की सभी चार प्रमुख घाटियों सतलुज, चिनाब, रावी और ब्यास में लगातार बर्फ से ढके क्षेत्र में कमी आ रही है। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के जलवायु परिवर्तन केंद्र की ओर से बर्फ से ढके रहने वाले क्षेत्रों पर किए शोध से मिली है।
प्रदेश में बहने वाली चिनाब, ब्यास, पार्वती, बस्पा, स्पीति, रावी व सतलुज जैसी प्रमुख नदियां और हिमालय से निकलने वाली उनकी बारहमासी सहायक नदियां हिम आवरण पर निर्भर करती हैं। एडवांसड वाइड फील्ड सेंसर के तहत सेटेलाइट से दो वित्तीय वर्षों 2019-20 और 2020-21 में बर्फ के अधीन क्षेत्र को लेकर विश्लेषण किया गया। इसमें चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। अक्टूबर से जून तक के आंकड़ों को खंगालने पर ये तथ्य सामने आए हैं। हिम आवरण के लगातार घटने के कारण इन नदियों में पानी के समाप्त होने की चिंता सताने लगी हैं। यह पानी पीने के साथ-साथ, पन विद्युत परियोजनाओं और सिंचाई के लिए हिमाचल सहित पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व अन्य राज्यों में प्रयोग हो रहा है।