हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग सड़को से बेसहारा पशुओ को हटाने के
लिए तेजी से गौ सदनो और अभ्यारणों के निर्माण का प्रयास कर रहा है।
आयोग के 2019 में गठन के बाद प्रदेश में अब तक 17 हजार एक सौ पांच
बेसहारा गौ वंश को विभिन्न गौ सदनों और अभ्यरणो में शरण दी जा चुकी
है। यह जानकारी गौ सेवा आयोग के सहायक निदेशक राजीव वालिया ने शिमला
जिला के विभिन्न गौ सदनों के निरीक्षण के दौरान मीडिया को दी।
उन्होंने कहा कि गौ सदनों के निरीक्षण का मकसद गौवंशों को बचाना है आयोग की ओर से प्रति पशु मासिक पांच सौ रूपये
की राशि गौ सदनों को दी जा रही है उस राशि का उपयोग सही हो रहा है या नहीं
जांचना के लिए दौरे पर आये हैं। उन्होंने कहा भविष्य में पुराने गौ सदनों के सुदृढ़ीकरण पर भी
ज़ोर दिया जाएगा। उन्होंने लोगो से भी अपील की हैकि गौ वंश को नकारा होने पर
सड़को में न छोड़े। आज प्राकृतिक खेती के लिए गौवंश की अत्यंत जरूरत है।