स्टोन टेम्पल: बिना किसी की मदद ने सत्यभूषण ने बना दिया भव्य सुन्दर मंदिर, 38 साल से निर्माण कार्य जारी

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क्या आपने किसी ऐसे मंदिर के बारे में सुना है जिसका निर्माण एक व्यक्ति ने बिना किसी की मदद के किया हो? नहीं न
और अगर हम कहें कि एक मंदिर ऐसा है जिसका निर्माण लगभग पिछले 40 सालों से चल रहा है। तो आप अंदाजा लगाइये कि उस व्यक्ति की मंदिर में कितनी श्रद्धा और विश्वास होगा ।

हिमाचल प्रदेश आने वाले ज्यादातर पर्यटकों को चायल के समीप छैल स्थित पत्थरों से बने इस कुंभ शिव मंदिर के बारे में पता भी नहीं होगा। यह मंदिर लोगों की भीड़ से दूर एकांत में स्थित है। मंदिर की खास बात यह है कि इसे एक अकेले इंसान सत्य भूषण ने 38 सालों की मेहनत से बनाया है। 64 साल के सत्य भूषण ने अपनी पैतृक जमीन पर ही 1980 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू किया था। मंदिर को ‘टेंपल इन माई ड्रीम’ का नाम दिया गया है जो मंदिर के ऊपर तारों से लिखा गया है। आम तौर पर लोग इसे स्टोन टेम्पल के नाम से भी जानते हैं। सत्यभूषण ने इस पूरे निर्माण कार्य में न किसी कारीगर की मदद ली न ही मज़दूर की। केवल बिजली के कनेक्शन के लिए उन्होंने एक स्थानीय व्यक्ति की मदद ली।

मेटल के तारों से बनाए गए इस स्टोन टेम्पल में पेंट के लिए किसी रंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है। शिव की जटाओं से लेकर नाग तक सब कुछ ग्रे सीमेंट से बनाया गया है। भूषण बताते हैं कि उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में लकड़ी और मिट्टी से आकृतियां बनाना सीखा था। उनके सपने ने उन्हें एक प्लैटफॉर्म दिया और मंदिर बनाने के लिए प्रेरित किया। वह बताते हैं कि इस मंदिर के नीचे एक गुफा भी मौजूद है। उन्होंने इसके लिए भी फंड जुटाया। अभी तक इस पर 15 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं अभी भी इसका निर्माण पूरा नहीं हुआ है। सत्य भूषन बताते हैं कि पहले इस मंदिर को केवल स्थानीय लोग जानते थे लेकिन अब काफी लोग आने लगे हैं। यहां शिव की मूर्ति से किसी झरने की तरह पानी बहने लगता है और शिव भजन बजने लगते हैं।’

हर दिन मूर्ति पर चार घंटे का समय लगाने वाले भूषण सरकारी मदद की चाहत नहीं रखते। हालांकि, वह हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के घर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पांच फीट ऊंची मूर्ति बनाने का दावा करते हैं।

जब उनसे यह पूछा गया कि 38 साल बाद भी उन्हें मंदिर बनाने के लिए क्या प्रेरित करता है, वह बताते हैं कि जब कोई मंदिर में दर्शन करके वापस जाता है, तो सत्यभूषण के अनुसार, “उस पर्यटक के चहरे की मुस्कान और तारीफें उन्हें प्रेरित करती हैं। भूषण कहते हैं कि उन्हें हाल ही में पता चला कि उनके मंदिर को गूगल पर लोकेट कर सकते हैं। वह इसे लेकर बहुत खुश हैं और सोशल मीडिया पर अपलोड की गई तस्वीरों के लिए भी धन्यवाद देते हैं।

अगर आप भी चाहते हैं कि इस मंदिर के दर्शन किये जाएँ तो हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में चायल की ओर चलने पर इस मंदिर तक पहुंचा जा सकता है चायल स्थित प्रसिद्ध काली टिब्बा के बाद यह क्षेत्र के प्रसिद्द मंदिरों में से एक बन गया है। अपनी कारीगरी और इतिहास के आधार पर यह पूरे भारत में जल्द ही प्रसिद्द हो जायेगा।