हिमाचल प्रदेश के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में कोरोना के बीच करीब दो साल बाद फिर किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होगा। 23 अगस्त को दो मरीजों का यहां किडनी ट्रांसप्लांट किया जाएगा। आईजीएमसी प्रबंधन ने ट्रांसप्लांट की तैयारियां शुरू की दी हैं। कार्यवाहक प्राचार्य का पदभार संभाल रहे डॉ. दलीप गुप्ता ने किडनी ट्रांसप्लांट की पुष्टि की है। आईजीएमसी में शिमला, निरमंड और चंबा के रोगियों के किडनी ट्रांसप्लांट किए जाने थे, लेकिन रिपोर्ट को लेकर आने वाली समस्या के चलते शिमला के मरीज का ट्रांसप्लांट रोक दिया गया है।
वहीं चंबा के भरमौर और कुल्लू के निरमंड के रहने वाले 35 साल से कम उम्र के दोनों युवाओं के किडनी ट्रांसप्लांट सोमवार को किए जाएंगे। बताया जा रहा है कि दोनों युवकों के पिता उन्हें अपनी किडनी देंगे। यह ट्रांसप्लांट एम्स दिल्ली के सर्जन डॉ. वीके बंसल और उनकी टीम करेगी। रविवार रात को एम्स के तीन सर्जन, एक एनेस्थीसिया विशेषज्ञ शिमला पहुंचेंगे। सोमवार सुबह आठ बजे पहला ट्रांसप्लांट शुरू किया जाएगा। आईजीएमसी में 12 अगस्त, 2019 को पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ डॉ. वीके बंसल और उनकी 18 सदस्यीय टीम ने आईजीएमसी के डॉक्टरों को साथ लेकर साढ़े चार घंटे में पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया। इसके बाद दूसरा ऑपरेशन किया। इनमें मंडी के 31 साल और शिमला के चिड़गांव की 41 साल की महिला का किडनी ट्रांसप्लांट किया था। मंडी के व्यक्ति को उसकी मां और सुनीता को उसके पिता ने किडनी दी थी।