Solan: दिवाली से पहले हिमाचल प्रदेश की जनता को महंगाई का झटका लग गया है। हिमाचल में व्यावसायिक एलपीजी सिलिंडर के दाम दो हजार रुपये के पार हो गए हैं। सोमवार को गैस कंपनियों ने व्यावसायिक एलपीजी के दाम में 266 रुपये की बढ़ोतरी की है। इससे प्रदेश में अब होम डिलिवरी के साथ व्यावसायिक एलपीजी सिलिंडर के 2171 रुपये चुकाने होंगे। फिलहाल घरेलू एलपीजी सिलिंडर के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। घरेलू उपभोक्ताओं को अक्तूबर महीने के दामों पर होम डिलिवरी के साथ करीब 1002 रुपये की चुकाने होंगे। रसोई गैस सिलिंडर में लगी महंगाई की आग के साथ-साथ अब दिवाली से ठीक पहले व्यावसायिक गैस सिलिंडर के दामों में बढ़ोतरी ने जनता की कमर तोड़ दी है। लोगों को महंगाई की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।

बताते चलें कि जुलाई में घरेलू रसोई गैस सिलिंडर 25.50 रुपये और व्यावसायिक सिलिंडर 82 रुपये महंगा हो गया था। अगस्त में घरेलू एलपीजी सिलिंडर के दाम 25 रुपये बढ़े थे। जिसके बाद सितंबर में प्रदेश घरेलू गैस सिलिंडर के दाम 25 रुपये बढ़े थे। वहीं, व्यावसायिक गैस सिलिंडर 75 रुपये महंगा हुआ था। पहली अक्तूबर को व्यावसायिक गैस सिलिंडर 36 रुपये महंगा हुआ। इसके बाद घरेलू सिलिंडर के दाम में 15 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। अब नवंबर में व्यावसायिक एलपीजी सिलिंडर के दाम 266 रुपये बढ़ गए हैं। पहले ही महंगाई की मार झेल रही जनता की सिलिंडर महंगे होने से परेशानियां और अधिक बढ़ गई है।
सोलन के मिठाई विक्रेता प्रयागराज शर्मा ने बताया कि अचानक से व्यवसायिक सिलेंडर के दामों में उछाल से उनके व्यवसाय पर सीधा प्रभाव पड़ता है क्योंकि उनके सारे उत्पाद सिलेंडर की मदद से तैयार किये जाते हैं। आज के मंहगाई के दिनों में लेबर भी मंहगी पड़ती है जिससे दुकानदारी पर प्रभाव पड़ता है। सिलेंडर के दाम पर इतना हाई जम्प उनकी समझ से परे है। उन्होंने कहा कि दुकानदार भी अपनी इच्छा से उत्पादों के दाम नहीं बढ़ा सकते लेकिन अगर ऐसे ही सिलेंडर के दाम बढ़ते रहे तो उन्हें भी अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पड़ेंगे। उन्होने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि वे मंहगाई को नियंत्रण करने के बारे में सोचे क्योंकि मंहगाई की सीधी मार आम जनता पर पड़ रही है।
सोलन के ही एक होटल संचालक किशोरी लाल शर्मा ने बताया कि सिलेंडर के दाम बढ़ने से छोटे दुकानदारों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है क्योंकि वे चाय समोसे जैसे छोटे व्यंजन बनाते हैं जिसके वे दाम भी नहीं बढ़ा सकते। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे जनता की ओर ध्यान दें और मंहगाई को नियंत्रित करें।
जहां एक तरफ पेट्रोल डीज़ल के दाम बढे वहाँ उम्मीद मुताबिक़ हर चीज़ के दाम बढ़ना तय ही था लेकिन जैसे जैसे हरेक चीज़ के दाम में बढ़ोतरी हुई है वैसे वैसे लोगों को झटके पर झटके महसूस हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा के चुनाव अगले ही साल हैं ऐसे में हिमाचल प्रदेश में महंगाई बढ़ना भाजपा सरकार के लिए खतरे से खाली नहीं हैं। ऐसे में प्रदेश के मुख्यम्नत्री के मिशन रिपीट का सपना कैसे पूरा होगा जब हरेक वर्ग पर महंगाई की मार कई तरीकों से पड़ रही है ?