भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 430 के पार पहुंच गई है. देश में इस वक्त लॉकडाउन का माहौल है. कोरोना वायरस की वजह से देश में ऐसे कई अभूतपूर्व फैसले लिए गए हैं, जो देश ने पहली बार देखे हों.
चीन से शुरू हुई कोरोना वायरस की महामारी यूरोप और अमेरिका में तबाही मचाने के बाद भारत में पैर पसार रही है. सोमवार तक देश में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर 430 के पार चली गई है. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार और कई राज्य सरकारों ने ऐतिहासिक फैसले लिए हैं. भारतीय रेल बंद करना, राज्यों को लॉकडाउन करना देश के इतिहास में ये पहली बार ही हुआ है कि जब ऐसे फैसले लिए गए हों. ऐसे ही कुछ 10 बड़े फैसलों के बारे में जानिए..
1. दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क में गिनी जाने वाली भारतीय रेल अब थम गई है. भारत सरकार ने कोरोना वायरस के चलते सभी पैसेंजर ट्रेनों को बंद कर दिया है. ये फैसला इसलिए लिया गया है ताकि लोग एक साथ जमा न हों. सिर्फ ट्रेन ही नहीं बल्कि दिल्ली-नोएडा-लखनऊ-मुंबई-बेंगलुरु-कोलकाता समेत देश के जिन भी शहरों में मेट्रो सर्विस है, उन्हें भी बंद किया गया है.
2. वैश्विक बाजार के समय में ऐसा कम ही होता है जब एक देश से दूसरे देश जाने में पाबंदी लगी हो. कोरोना वायरस के मामले में देश में बढ़ ना पाएं, इसके चलते भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को पूरी तरह से बंद कर दिया. पहले ये फैसला कोरोना प्रभावित देशों के लिए हुआ था, लेकिन बाद में सभी के लिए ऐसा कर दिया गया. साथ ही विदेशी नागरिकों की एंट्री भी बंद कर दी गई.
3. आजादी के बाद ऐसा कई बार हुआ है, जब देश की रफ्तार थम गई हो. लेकिन ये पहली बार ही हुआ है कि केंद्र सरकार ने पहले जनता कर्फ्यू लगाया हो और उसके बाद एक-एक करके दर्जन से अधिक राज्यों ने लॉकडाउन कर दिया हो. सरकारों की सबसे बड़ी चुनौती 130 करोड़ में से अधिक से अधिक लोगों को घरों में रखना है.
4. अमेरिका-यूरोप में लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया, कोरोना वायरस ना फैले इसकी वजह से भारत में भी अपील की गई. लेकिन 130 करोड़ लोगों तक ये बात पहुंचाना आसान नहीं था. देश का बड़ा हिस्सा इस वक्त अपने घरों में कैद है, कुछ अपनी मर्जी से, कुछ प्रशासन के डर से, लेकिन सभी का मकसद यही है कि कोरोना वायरस फैले नहीं.
5. देश की सर्वोच्च अदालत में अभी भी काम जारी है. लेकिन कोरोना वायरस के चलते कुछ ही कोर्ट रूम में सुनवाई चल रही है. इस बीच सोमवार को ही ये तय हुआ है कि अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी, ऐसे में वकील जहां पर हैं वहां से ही अपना पक्ष रखेंगे. ये भी देश के इतिहास में पहली बार हुआ है.
6. कोरोना वायरस का सबसे बड़ा खतरा भीड़ में है, क्योंकि वहां इसके फैलने के चांस सबसे ज्यादा हैं. ऐसे में देश की विभिन्न जेल में बंद कैदियों को लेकर भी सरकार चिंता कर रही है. जेल में कोरोना वायरस ना फैले, ऐसे में कुछ कैदियों को छोड़ने को लेकर विचार किया जा रहा है. हालांकि, अभी इसपर फैसला नहीं हुआ है लेकिन सभी अधिकारी चर्चा कर इसका समाधान निकालेंगे.
7. कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन का असर कामकाज पर भी पड़ रहा है. ऐसे में सरकार की ओर से प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को घर पर रहने को कहा गया है. आईटी कंपनी हो, मीडिया कंपनी या फिर किसी अन्य क्षेत्र की कोई फर्म, हर कंपनी ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने का बढ़ावा दिया है.
8. देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि करोड़ों की संख्या में लोग अपने घर बैठकर दफ्तर का काम निपटा रहे हैं. सिर्फ जरूरी क्षेत्र वाले कर्मचारी ही दफ्तर में जा रहे हैं.
9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के संकट के बीच देश को संबोधित किया और लोगों से खुद ही घर में रहने की अपील की. इसे जनता कर्फ्यू कहा गया, जिसका अधिकतर देशवासियों ने पालन किया. इसके अलावा पीएम ने कोरोना संकट के बीच लगातार काम कर रहे डॉक्टर, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी, मीडियाकर्मियों का शुक्रिया अदा करने के लिए लोगों से अपने घरों में ताली-थाली बजाने को कहा गया. रविवार की शाम को देश ने इसका एक अद्भुत नज़ारा देखा.
10. देश में अक्सर त्योहार या फिर सरकारी छुट्टी के दिनों में ही सड़कों पर इतनी शांति दिखती है और लोग अपने घरों में रहते हैं. लेकिन उस दौरान भी मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे-चर्च खुलते हैं. लेकिन ये भी देश ने पहली बार ही देखा है जब देश के अधिकतर बड़े-छोटे धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया हो, अधिकतर जगह धार्मिक स्थलों ने खुद ही लोगों से घर रहने की अपील की.