रुकावटें आती हैं सफलता की राहों में, यह कौन नहीं जानता, फिर भी वह मंजिल पा ही लेता है, जो हार नहीं मानता। ये चंद पंक्तियां राजगढ़ उपमंडल के रासुमांदर क्षेत्र के युवा प्रदीप कुमार व सुरेश कुमार पर स्टीक बैठती हैं। इन्होंने हाल ही में लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर सफलता हासिल की है। दोनों युवाओं का चयन लेक्चरर इतिहास के पद पर हुआ है। प्रदीप कुमार पुत्र मस्तराम गांव दोची ज्ञानकोट के रहने वाले हैं, जिन्होंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय वारिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धर्मपुर से की तथा बीए की पढ़ाई राजगढ़ महाविद्यालय से की। इसके उपरांत बीएड करने के बाद हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से डबल एमए इतिहास और हिंदी में पास की।
2017 में इतिहास विषय में स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट (सेट) पास करने के उपरांत 2019 में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा पास कर इनका चयन टीजीटी कला के पद पर हुआ और अभी राजकीय उच्च विद्यालय थैना-बसोत्री में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।वहीं सुरेश कुमार पुत्र झेंटाराम गांव डिब्बर के रहने वाले हैं। परिवार का मुख्य व्यवसाय कृषि है, इन्होंने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय देवटी मझगांव से पूर्ण की और बीए की पढ़ाई राजगढ़ महाविद्यालय से पूरी की। बीएड करने के पश्चात अपनी एमए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से पूरी की। इसके बाद इन्होंने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करना आरंभ कर दिया। इसके बाद इनका चयन टीजीटी और पीजीटी के लिए भी हुआ, लेकिन अंतिम चयन न होने के कारण भी इन्होंने हार नहीं मानी। हाल ही में लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर दोनों युवा लेक्चरर इतिहास पद के लिए चयनित हुए हैं।
गौरतलब रहे कि ग्रामीण परिवेश में रहने के साथ-साथ सरकारी संस्थाओं से पढ़ाई करने के बाद भी इन्होंने हार नहीं मानी और सफलता हासिल की। इनकी सफलता से पूरे राजगढ़, पझोता और रासू मांदर क्षेत्र में खुशी की लहर है। इन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता ,सगे संबंधियों व अपने गुरुजनों को दिया है।