महर्षि मारकंडेश्वर यूनिवर्सिटी – सोलन के रजिस्ट्रार अजय सिंघल ने बताया कि “महिलाओं का स्वास्थ्य 2021 और स्त्री रोग एंडोस्कोपी के बुनियादी सिद्धांत” विषय पर विश्वविद्यालय में दो दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा और कार्यशाला का आयोजन किया गया । सतत चिकित्सा शिक्षा निरंतर शिक्षा के एक विशिष्ट रूप को संदर्भित करती है जो चिकित्सा क्षेत्र में उन लोगों की मदद करती है जो सक्षमता बनाए रखते हैं और अपने क्षेत्र के नए और विकासशील क्षेत्रों के बारे में सीखते हैं।
डॉ सतिंदर सिंह मिन्हास, कुलपति (कार्यवाहक) द्वारा आमंत्रित वक्ताओं डॉ उदय भानु राणा, जोनल अस्पताल, मंडी, डॉ रूबी भाटिया, प्रोफेसर और प्रमुख, एम् एम् इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च, मुलाना-अम्बाला और डॉ राजीव सूद, प्रोफेसर, इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज, शिमला का सवागत किया गया।
आयोजन अध्यक्ष डॉ संतोष मिन्हास, प्रोफेसर और प्रमुख स्त्रीरोग विशेषज्ञ और आयोजन सचिव डॉ मोनिका गुप्ता, प्रोफेसर और स्त्रीरोग विशेषज्ञ, एम् एम् मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कुमारहट्टी-सोलन द्वारा सभी उपस्थित गणमान्यों का स्वागत किया गया और दीप प्रज्वलन व् सरस्वती वंदना के साथ कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया।
डॉ उदय भानु राणा ने कहा कि महिला स्वास्थ्य पर संवेदनशीलता जरूरी है। हम कई मौकों पर महिला स्वास्थ्य व शिशु कल्याण को लेकर गैर जिम्मेवार हो जाते हैं। इन मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के महत्व को आत्मसात करने की जरूरत है। स्वच्छता का जुड़ाव स्वास्थ्य के साथ है। नियमित रूप से चिकित्सकीय जांच, बच्चों के खानपान पर ध्यान देना होगा। बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी सक्रिय रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में कई प्रकार के कैंसर के लक्षणों को जानने के साथ-साथ बचाव व पहचान की जानकारी होनी चाहिए।
डॉ रूबी भाटिया बैक्टीरिया,ने बताया कि वायरस या प्रोटोजोआ के कारण होने वाला यौन संचारित संक्रमण जो यौन संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में जाता है। जबकि प्रजनन पथ के संक्रमण, जो यौन संचारित नहीं होते हैं, सामान्य अंतर्जात वनस्पतियों की गड़बड़ी और चिकित्सा हस्तक्षेपों के कारण हो सकते हैं जो आईट्रोजेनिक संक्रमण को भड़का सकते हैं।
डॉ राजीव सूद, प्रोफेसर, इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज, शिमला ने असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव विषय पर अपने विचार साझा किये और बताया कि लगभग 10 से 35 प्रतिशत महिलाओं में असामान्य मात्रा, अवधि या अनुसूची का मासिक धर्म रक्तस्राव एक सामान्य स्त्री रोग संबंधी समस्या है और यह भी बताया कि असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव का निदान कैसे किया जाता है ।
कार्यशाला के मौके पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस एस मिन्हास (कार्यवाहक) और रजिस्ट्रार अजय सिंघल ने कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का सवागत किया। सैंकड़ो प्रतिभागियों ने कार्यशाला में रजिस्ट्रेशन करवा कर इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी जारी किये ।