टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हिमाचल प्रदेश के बॉक्सर आशीष चौधरी पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं। दूरभाष पर बातचीत में आशीष ने कहा कि वह ओलंपिक में पदक जीतकर अपने दिवंगत पिता का सपना पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने 16 वर्ष कड़ी मेहनत की है। वह हिमाचल के पहले बॉक्सर हैं, जो ओलंपिक में दमखम दिखाएंगे। मंडी जिले के सुंदरनगर के आशीष चौधरी से पहले ऊना के दीपक कुमार, मैड़ी के चरणजीत सिंह भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा रहे हैं। हमीरपुर निवासी शूटर विजय कुमार और सिरमौर समरेश जंग भी ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं। वहीं, आशीष इन दिनों भारतीय बॉक्सिंग दल के साथ इटली के एसिसि शहर में जमकर पसीना बहा रहे हैं। आशीष ने बताया कि इटली में भारतीय दल के साथ कई देशों के मुक्केबाज अभ्यास करने के लिए पहुंचे हैं।
दो-तीन दिन में अभ्यास शिविर समाप्त होने के बाद वह भारतीय दल के साथ 17 जुलाई को टोक्यो (जापान) रवाना हो जाएंगे। टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त तक ओलंपिक गेम्स होंगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संवाद और उनकी शुभकामनाओं से हौसले बुलंद हैं। आठ जुलाई, 1994 को जिला मंडी के सुंदरनगर उपमंडल के जरल निवासी स्वर्गीय भगतराम डोगरा के घर जन्मे आशीष चौधरी ने 9 वर्ष की उम्र में बॉक्सिंग ग्लव्स पहन लिए थे। स्कूली शिक्षा के बाद सुंदरनगर के एमएलएसएम कॉलेज में दाखिला लिया। यहां कोच नरेश वर्मा से बॉक्सिंग की बारीकियां सीखीं।
आशीष चौधरी वर्तमान में तहसील कल्याण अधिकारी के पद पर तैनात हैं। माता दुर्गा देवी और बड़े भाई जानी चौधरी ने कहा कि आशीष का ओलंपिक में चयन होने से परिवार का सपना साकार हुआ है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि आशीष पदक जीतकर लाएंगे। आशीष के पूर्व बॉक्सिंग कोच और वर्तमान में मंडी में जिला खेल अधिकारी पद पर तैनात नरेश ठाकुर ने कहा कि आशीष का बचपन से बॉक्सिंग के प्रति जुनून रहा है। इसके बलबूते वह आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वह ओलंपिक में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर पदक जीतकर आएंगे।