शादियों में लोगों को नचाकर खुशियां बांटने वाले बैंड बाजे वाले आजकल बेरोजगार हो गए हैं। शादियों का सीजन निकलता जा रहा है, जबकि उन्हें शादियों में बैंड बजाने की अनुमति नहीं मिल पाई है। ऐसे में बैंड वालों ने सरकार से उन्हें शादियों में अलग से 5 बैंड सदस्यों को अनुमति देने की मांग की है। साथ ही सरकार को चेताया है कि यदि उन्हें अनुमति नहीं दी गई तो वे सडक़ों पर उतरने को मजबूर होंगे।
इसी कड़ी में सोमवार को जिला के बैंड वालों ने डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा और परिवार चलाने के लिए उन्हें अलग से शादियों में जाने की अनुमति देने का आग्रह किया। बैंड वालों का कहना था कि कोरोना महामारी के चलते वे डेढ़ साल से बेरोजगार बैठे हैं। आय का साधन न होने के चलते परिवार के भूखे रहने की नौबत आ गई है। हमारे पूर्वज भी बैंड बजाने का काम करते थे और हम भी यही काम करते आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आय न होने के चलते अब तो दुकानदारों ने भी राशन उधार देना बंद कर दिया है। उन्होंने डीसी से मांग की है कि इसी सप्ताह होने वाली शादियों से पहले उन्हें शादियों में जाकर बैंड बजाने की अनुमति दी जाए, अन्यथा उन्हें सडक़ों पर उतरना पड़ेगा। बैंड सदस्यों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि शादियों में जाने के लिए 5 बैंड सदस्यों को अलग से अनुमति देने का प्रावधान किया जाए।
उधर डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने उनकी मांगों पर विचार करके सरकार के समक्ष रखने का आश्वासन दिया है। देखना यह होगा कि प्रशासन और सरकार इस पर क्या फैसला लेते हैं।