बर्फ, ओलावृष्टि और तूफान से हुई नुकसानी बीमा में कवर नहीं, किसान बोले सरकार करे हस्तक्षेप

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बिगस्टोरी, रामपुर
1 June, 2021

इस बार हिमाचल के ऊपरी क्षेत्र के कई इलाको में अप्रेल-मई में बर्फ़बारी और उस के बाद ओलाबृष्टि व तूफ़ान से नकदी फलो और फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। किन्नौर जिला के निचले हिस्से चौरा आदि व ऊपरी शिमला जिला में इस से बहुत नुक़्सान हुआ है। बागवानों का कहना है कि अब भी ओलाबृष्टि कई स्थानों पर जारी है। इस आपदा से सेब, प्लम , खुमानी , बादाम , चैरी एवं अन्य फसलों को भरी नुकसान पंहुचा है। सरकार से लोगो ने कोरोना के इस दौर में जीवन यापन के लिए नुक़्सान की भरपाई की मांग उठाई है। बागवानों का कहना है कि फसल बीमा योजना के तहत बैंको से बीमा कम्पनियो को किसानो के खाते से क़िस्त जा रही है लेकिन बर्फ, ओलाबृष्टि और तूफान से हुई नुकसानी बीमा में कवर नहीं है। इस लिए सरकार मध्यस्तता कर किसानो को बीमा कम्पनियो से मुवाजा दिलाये। किसानो का यह भी कहना है कि हिमाचल प्रदेश राहत मेनुअल में भी बर्फ़बारी, ओलाबृष्टि और तूफान से होने वाले नुकसानी पर राहत का प्रावधान नहीं है। इस लिए राहत मेनुअल में भी संशोधन किया जाये ।

पूर्व जिला परिषद सदस्य एवं माकपा नेता बिहारी सेवगी ने बताया अप्रेल मई में पहले बर्फ और फिर ओलाबृष्टि से सेब व् अन्य फलो और फसलों को नुकसान पंहुचा है। सरकार किसानो को राहत प्रदान करे। उन्होंने कहा किसानो के बैंको के माध्यम से बीमा कम्पनियो को फसल बीमा की किश्त जा रही है लेकिन बर्फ, ओलाबृष्टि और तूफ़ान से हुए नुकसान से मुआवज़े का कोई प्रावधान नहीं है। इसी तरह राहत मेनुअल में भी इन नुक़्सानियो की भरपाई का प्रावधान नहीं है। सरकार इस में हस्तक्षेप करे।

किसान सभा ननखड़ी सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि अप्रेल मई से बर्फबारी और ओला बृष्टि हो रही है। इस से सेब, प्लम, खुमानी चैरी व् अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कोरोना काल को देखते हुए सरकार किसानो को मुआवजा दे। ताकि उन की रोजी रोटी चल सके।

ननखड़ी की बागवान आशु ने बताया ओलाबृष्टि से नकदी फसलों को नुकसान हुआ है। सरकार कोरोना काल को देखते हुए किसानो को राहत प्रदान करे।