हिमाचल प्रदेश में प्राइवेट बस ऑपरेटरों की हड़ताल समाप्त हो गई है। सरकार से मिले आश्वासन के बाद निजी बस ऑपरेटरों ने बुधवार से प्रदेश में बसों को चलाने का फैसला लिया है। गौर हो कि छह मई से राज्य में प्राइवेट ऑपरेटरों की हड़ताल चल रही थी और इन बसों के पहिए जाम थे। अब ये बसें भी सड़कों पर दौड़ती दिखेंगी, जिससे आम जनता का बड़ी राहत मिलेगी। मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने मुलाकात की, जिनको मुख्यमंत्री ने कहा कि हड़ताल किसी समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि इससे समस्या बढ़ती है। उन्होंने दो टूक कहा कि कोरोना के चलते हालात नासाज हैं, जिसमें सरकार के सामने भी कई तरह की दिक्कतें पेश आ रही हैं। सरकार निजी ऑपरेटरों की समस्या को भी समझती है, लेकिन हड़ताल sकिसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों को लिए गए फैसले का रिव्यू करेगी। बता दें कि प्रदेश सरकार ने फिलहाल 40 करोड़ रुपए की राहत इन ऑपरेटरों को प्रदान की है। इनका टोकन टैक्स व एसआरटी 50 फीसदी माफ किया गया है, लेकिन ये लोग 100 फीसदी माफी चाह रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने रिव्यू का आश्वासन दिया है, जिसके बाद इन लोगों ने परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर से मुलाकात की। उन्होंने भी आश्वस्त किया और कहा कि दो दिन के भीतर इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। दूसरे मामलों में भी आदेश पारित हो जाएंगे। इन प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर से भी मुलाकात की थी, जिन्होंने सीएम से इस मामले पर बात करने को कहा था। बहरहाल बता दें कि अब हड़ताल समाप्त हो गई है। प्रदेश में 3500 प्राइवेट बसें हैं। प्राइवेट बस ऑपरेटर यूनियनें हड़ताल को लेकर पहले ही दोफाड़ होनी शुरू हो चुकी थी। सोमवार को भी करीब 140 बसें प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में चलाई गईं। कई बस ऑपरेटर अब इसमें साथ देने को तैयार नहीं थे, लिहाजा इनके लिए भी मामला खराब हो रहा था। प्राइवेट बसों से भी हजारों लोगों का रोजगार जुड़ा हुआ है, जिसपर मार पड़ रही थी। हड़ताल खत्म करते ही अब ऑपरेटरों ने अपने ड्राइवर-कंडक्टरों को बुला लिया है। ऑपरेटर यूनियन के महासचिव रमेश कमल ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है।