स्वारघाट: लाल चंद भारद्वाज
स्वास्थ्य खंड घुमारवीं के अंतर्गत आने वाले उपस्वास्थ्य केंद्र चकराना की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता अंजना चौहान खुद अपने स्वास्थ्य से लाचार है ,पर फिर भी 16 किलोमीटर स्कूटी चलाकर घर द्धार लोगों का उपचार कर रही हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ता खुद पिछले छ: सालों से ब्लड शुगर और बीपी की दवाईयां निरंतर खा रही हैं और फ्रंट लाइन वर्कर की भूमिका भी निपुणता से निभा रही है ।
इस महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने कोरोना काल माहामारी के दौरान 375 कोरोना मरीजों को घर भ्रमण कर व दवाईयां पहुंचा कर ठीक किया। और इन्होंने अपने क्षेत्र में लगभग 693 कोरोना सैंपल भी करवाए है। 2479 लोगो के वैक्सीनेशन मे भी अपनी भूमिका निभाई है। अंजना को स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं देते हुए 9 वर्ष हो गए है। आपको बता दें कि जब वह सेवाएं देने के लिए गांव में जाती हैं तो ढाई साल का बच्चे छोड़कर जाना होता है।
यह स्वास्थ्य कार्यकर्ता मंडी जिला के पधरू गावं की रहने वाली है और यह उप स्वास्थ्य केंद्र चकराना के भवन में रह कर लोगो को अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सुविधा दे रही है ।
अंजना चौहान ने बताया कि मैंने कोरोना माहामारी के समय मे घर मे कुछ जरूरी काम होने की बजहा से छुट्टी मांगी थी परंतु उप स्वास्थ्य केंद्र में अकेली होने की वजह से मुझे छुट्टी नही मिली थी। उन्होंने कहा कि वह 6 वर्षों से ब्लड शुगर और वीपी की दवाई खा रही है।
लॉक डाउन व कोरोना कर्फ्यू में बस या गाड़ी न चलने पर अपनी स्कूटी पर चार उपस्वास्थ्य केंद्रों और एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना के टीकाकरण का सेशन भी कर रही है। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भराड़ी और उप स्वास्थ्य केंद्र चकराना, भपराल ,तड़ौन और मराहणा में स्वास्थ्य कार्यकर्ता न होने की वजह से वहाँ के उप स्वास्थ्य केंद्रों का भी समय समय पर कोरोना का टीकाकरण किया है ।
अंजना ने सरकार से मांग की कि महिला तथा पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में लोगो को कोरोना माहामारी के दौरान बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवा रही हैं, पर दुख इस बात का है कि सरकार हमे भी कोरोना वारियर्स घोषित नहीं कर रही हैं जबकि सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं अगर सरकार कोरोना वारियर्स घोषित कर दे तो कर्मचारियों के हौंसले और बुलंद हो जायेंगे।