हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले की मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर चक्कर में न्यायाधीश राजीव भारद्वाज की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। मामले में दोषी करार अनिल उर्फ नीलू की सजा पर दोनों पक्षों के वकीलों ने दलीलें भी रखीं। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने दोषी को फांसी की सजा देने की मांग की। बचाव पक्ष के वकील ने रियायत देते हुए उसे उम्रकैद की सजा देने की अपील अदालत से की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा पर 18 जून को सुनवाई तय की है।
मंगलवार को दोषी नीलू को पुलिस की कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया। सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील वर्चुअली शामिल हुए, जबकि नीलू के वकील कोर्ट में हाजिर थे। मामले में सीबीआई की ओर से पेश चालान में कहा गया कि अनिल उर्फ नीलू चरानी दोषी साबित हो चुका है। विशेष अदालत ने उसे 28 अप्रैल को दोषी करार दिया था। इस पर दोषी को सजा होना तय है। करोना कर्फ्यू की बंदिशों के चलते आरोपी को न्यायालय लाना मुश्किल हो रहा था। मंगलवार को नीलू की सजा पर सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो गई, अब अगली 18 जून को होगी, जिसमें दोषी को सजा दी जा सकती है।
बता दें जिला शिमला के कोटखाई की एक छात्रा 4 जुलाई, 2017 को लापता हो गई थी। 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में पीड़िता का शव मिला। जांच में पाया गया कि छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। अदालत में सजा पर सुनवाई की कार्रवाई करीब दो घंटे तक चली। इस समय में दोषी नीलू बेचैन नजर आया। इस पूरे मामले में दोषी खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए एक ही गवाह पेश कर पाया।