हिमाचल प्रदेश में गेहूं बीज के दाम के बाद अब पशुचारे के बीज की कीमतें भी बढ़ गई हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार बरसीम का बीज 40 रुपये महंगा मिल रहा है। जौई का बीज दो रुपये महंगा मिल रहा है। सरकार स्वरोजगार से जोड़कर पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने की बात कर रही है, लेकिन महंगाई के कारण किसानों के लिए पशुपालन व्यवसाय घाटे का सौदा साबित होने लगा है। इस वर्ष जौई के बीज की कीमत 51 रुपये किलो है। इस पर 19 रुपये अनुदान दिया जा रहा है। किसानों को कृषि विक्रय केंद्रों पर 32 रुपये किलो जौई का बीज उपलब्ध करवाया जा रहा है। पिछले वर्ष किसानों को 30.5 रुपये किलो के हिसाब से जौई उपलब्ध करवाई गई। जौई 58 रुपये किलो थी। इस पर 27.5 रुपये अनुदान दिया गया। जौई की खरीद पर अनुदान राशि भी साढ़े आठ रुपये कम हुई है। इस वर्ष बरसीम के बीज की कीमत 170 रुपये किलो है। इस पर 58 रुपये अनुदान दिया जा रहा है। किसानों को बरसीम का बीज 112 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कृषि विक्रय केंद्रों पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। पिछले वर्ष बरसीम का बीज 130 रुपये किलो था। इस पर 62 रुपये अनुदान दिया गया। किसानों को 68 रुपये किलो के हिसाब से बरसीम का बीज उपलब्ध करवाया गया था। बरसीम की कीमत 40 रुपये बढ़ी है, जबकि अनुदान राशि चार रुपये कम हुई है। सर्दियों के मौसम में खेतों में किसान जौई और बरसीम बीजते हैं। खेतों की मेढ़ों में घास कम उगता है, इसलिए किसान खेतों में बरसीम और जौई की बिजाई करते हैं। हमीरपुर जिले में कुल 76,140 किसान हैं। 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर उत्पादन किया जाता है। इससे पूर्व गेहूं की कीमत में भी दो रुपये बढ़ोतरी हुई है। दो रुपये अनुदान भी कम कर दिया गया है।
