काबुल पर तालिबान का कब्ज़ा, अफ़ग़ानिस्तान में अब तक क्या-क्या हुआ

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रविवार को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल से महज़ कुछ घंटों की दूरी पर मौजूद जलालाबाद शहर पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान के लड़ाके क़ाबुल के बाहरी इलाक़ों तक पहुंच गए. इसके बाद तालिबान ने कहा कि वो अफ़ग़ान सरकार के साथ शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को लेकर बातचीत कर रही है और जब तक बातचीत जारी है उसके लड़ाके राजधानी में प्रवेश नहीं करेंगे. तालिबान की तरफ़ से जारी किए गए अधिकारिक बयान में कहा गया कि काबुल एक घनी आबादी वाला शहरी इलाक़ा है जहां नागरिक आबादी को ख़तरा हो सकता है. इसी दौरान अफ़ग़ान राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक संदेश पोस्ट कर नागरिकों से भरोसा दिलाया कि राजधानी में स्थिति नियंत्रण में है. अफ़ग़ानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री अब्दुल सत्तार मीरज़कवाल ने एक बयान में कहा है कि सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से होगा और अंतरिम सरकार बनेगी. उन्होंने कहा कि काबुल पर हमला नहीं होगा.
तालिबान ने काबुल के बाहरी इलाक़े में मौजूद बगराम एयरफ़ील्ड और जेल को क़ब्ज़े में लेने का दावा किया. इसी सैन्य हवाई अड्डे से अमेरिका ने अफ़ग़ानिस्तान में अपने बीस साल चले युद्ध को संचालित किया था. इसी बीच ब्रिटेन सकार ने अफ़ग़ानिस्तान के छात्रों की स्कॉलरशिप रोक दी और कहा कि अगले महीने से ब्रिटेन में स्कॉलरशिप पर पढ़ने जा रहे छात्रों का अब दाख़िला नहीं हो पाएगा. हालांकि इसके कुछ घंटों बाद ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ऐसे अफ़ग़ान छात्रों की मदद के लिए उन्हें वीज़ा देने की कोशिश की जाएगी. सरकार के इस फ़ैसला का असर 35 अफ़ग़ान छात्रों पर पड़ेगा, जिनमें से लगभग आधी महिलाएं हैं.
भारतीय समयानुसार देर शाम तक अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने देश छोड़ दिया. दूसरी तरफ तालिबान ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके लड़ाके अधिकारिक तौर पर काबुल के इलाक़ों में दाख़िल हो रहे हैं और दफ्तरों के कब्ज़े ले रहे हैं. तालिबान के क़ब्ज़े में आने और अफ़गान राष्ट्रपति के देश छोड़ने के बाद वहाँ कई जगहों पर गोलियों की आवाज़ सुनी गई.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका ने अफ़गानिस्तान स्थित अपना दूतावास काबुल एयरपोर्ट पर शिफ़्ट कर दिया है. दूतावास की इमारत पर लगा झंडा भी उतारकर एयरपोर्ट ले जाया गया है. बाद में इसे अफ़गानिस्तान से हटा लिया जाएगा. इसके बाद तालिबान ने दावा किया कि उसने काबुल में राष्ट्रपति भवन को अपने नियंत्रण में ले लिया है. इसके कुछ घंटों बाद अल जज़ीरा ने एक वीडियो जारी किया जिसमें तालिबान के लड़ाके राष्ट्रपति भवन के भीतर नज़र आए. तालिबान ने ये भी दावा किया कि उसने काबुल के कई ज़िला केंद्रों में अपनी पहुंच बना ली है और उनमें से 11 को अपने नियंत्रण में ले लिया है.
काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी कमर्शियल उड़ानों को निलंबित कर दिया गया. वहां से केवल सैन्य विमानों के संचालन की अनुमति दी गई.
अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने एक वीडियो फ़ेसबुक पर जारी करते हुए अपने प्रशंसकों से कहा है कि वो काबुल में ही रहेंगे. अमेरिका के देश में सैन्य अभियान के बाद 2001 में करज़ई देश के नेता बने थे.
अफ़ग़ानिस्तान से भागने के बाद राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि देश में रक्तपात रोकने के लिए उन्होंने यह क़दम उठाया है.
अफ़ग़ानिस्तान को लेकर चौतरफ़ा आलोचनाओं से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्तीफ़े की मांग की है. उन्होंने दावा किया कि अगर वो राष्ट्रपति होते तो अमेरिका का वहां से निकलना ‘बेहद अलग और बहुत सफलतापूर्वक होता.’ वहीं, बाइडन प्रशासन ने उन पर जवाबी हमला करते हुए कहा है कि अमेरिका-तालिबान सौदा ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल में ही हुआ था.