भूमती/अर्की: भाजपा उम्मीदवार रतन पाल ने भूमती में एक बैठक को संबोधित करते हुए याद दिलाया कि 2017 में वे किस तरह वे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े व उस चुनाव में अर्की की जनता के सहयोग से केवल 6000 मतों से हारे था। वो हार नही बल्कि हार में भी जीत थी क्योंकि 6 बार के मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ना आसान नहीं था और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह अपने जीवन में सबसे कम मतों के अंतर से जीते थे।

रतन पाल ने कहा की जब तक अर्की में कांग्रेस के विधायक थे तो अर्की का विकास थम गया था। एक विधायक को जनता के बीच होना बहुत आवश्यक होता है पर स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों से कांग्रेस के विधायक जनता के बीच नहीं रह पाए थे। उन्होंने कहा कि, “मैंने जनता के बीच चुनाव हारने के बाद भी काम किया है, निरंतर प्रवास किया है और यह हमारा सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृव में अर्की विधानसभा क्षेत्र में विकास हुआ और जब भाजपा अर्की विधानसभा क्षेत्र में जीतेगी तो विकास की गति इस क्षेत्र में बढ़ जाएगी।
रतन पाल ने पूर्व भाजपा विधायकों का भी हवाला देते हुए कहा कि नागिन चंद्र पाल और गोविंद ठाकुर जनता के बीच रहकर काम करते है। जनता को कांग्रेस और भाजपा में अंतर पता है। भाजपा, कार्यकर्ता आधारित राजनीतिक दल है और कांग्रेस, परिवार आधारित राजीतिक दल। यहाँ पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के बाद निर्णय लेती है। उन्होंने कहा की इस बार चुनावों में भाजपा को जीतना है और जो काम अर्की विधानसभा क्षेत्र के पिछले सालों में पूरे नही हो पाए है उनको अगले एक साल में पूरा करना है।