देश में कोरोना की दहशत लगातार बढ़ती जा रही है और संक्रमण से बचने के लिए प्रधान मंत्री , सरकार, प्रशासन
व स्वास्थ्य विभाग, मीडिया, स्वास्थ्य विशेषज्ञयों के आह्वान पर लोग अब घरों में दुबके हैं। हर कोई मानसिक
दबाब महसूस कर रहा है। ऐसे में मदद के लिए कारोबार एवं उद्योग जगत सहित स्वाथ्य सेवाएँ इस बीमारी से
निपटने में मदद के लिए आगे आ रही हैं। इसी तरह बुधवार को यूनाइटेड किंगडम की मानसिक स्वास्थ्य सेवा
कंपनी टॉक-लाइफ ने एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी के साथ ऑनलाइन माध्यम से तीन महीनों के लिए एक ज्ञापन
समझौते पर हस्ताक्षर किए। एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी की ओर से कुलपति प्रोफेसर डॉ॰ रमेश चौधरी, शैक्षणिक
डीन डॉ॰ कुलदीप कुमार ने ऑनलाइन हस्ताक्षर कर को छात्र-समुदाय व शिक्षकों की मदद का आश्वासन दिलाया
ताकि कोविड-19 के प्रभाव व मानसिक दबाब छात्रों पर हावी न हो। यह सहायता ऑनलाइन नेटवर्क से मानसिक
स्वास्थ्य विषय विशेषज्ञों द्वारा घर व हॉस्टलों में ऑनलाइन स्टडि कर रहे सभी छात्रों को चौबीस घंटे उपलब्ध
रहेगी ताकि वे कोरोना वायरस के संक्रमण से भी बचें और इसके मानसिक दबाब से भी दूर रहकर घर व स्टडिरूम
में पढ़ाई भी कर संकें। टॉक-लाइफ यूनाइटेड किंगडम की ऐसी स्वास्थ्य सेवा है जो यूनाइटेड किंगडम सहित
विश्वभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों के सांझे समुदाय को स्वास्थ्य संबंधी सेवा प्रदान करती रहती है
ताकि किसी भी देश की युवा शक्ति स्वस्थ व मानसिक तनाव से दूर रहे। एपीजी शिमला यूनिवर्सिटी के कुलपति
प्रोफेसर डॉ॰ रमेश कुमार चौधरी ने अपने छात्रों और शिक्षकों को कोरोना की दहशत को देखते हुए अफवाहों से दूर
रहने, व्यायाम, योग, साकारात्मक सोच, प्र्कृती से सीख, नित साफ-सफाई, संतुलित आहार, मधुर संगीत सुनना,
मन को शांत रखेने के लिए कसरत, अच्छी पुस्तकें पढ़ना और समय से सोना की सलाहा दी है ताकि कोविड़-19 के
प्रभाव से बचें। साथ ही शिक्षकों व छात्रों को कुलपति ने हिदायत दी है कि स्वाथ्य संबंधी दिशा-निर्देशों और सरकार
के आदेशों पर अमल करते हुए पूरी-पूरी एहतियात बरतें और सामाजिक दूरी बनाएँ रखें।