अर्कीः सोलन जिला के अर्की विधानसभा के उप चुनावों में पूर्व विधायक गोविन्द राम के हथियार डाल देने के बाद मुकाबला कांग्रेस और भाजपा तक ही सीमित रह गया है। गौरतलब है कि टिकट आबंटन से नाराज गोविन्द राम शर्मा निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर पिछल कल नामांकन भरने की तैयारी में थे लेकिन ऐसे में पार्टी ने भी अपना रामबाण केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के रूप में छोड़ा, और गोविन्द राम को धराशायी होने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि इससे गोविन्द राम अब तक फायदे में ही दिखाई दे रहे हैं क्योंकि अगर भाजपा प्रत्याशी यह चुनाव हार गए तो गोविन्द राम की दावेदारी 2022 चुनावों में पक्की हो जायेगी।
वही दूसरी ओर कांग्रेस ने संजय अवस्थी को अपना प्रत्याशी चुना है जिससे कांग्रेस में भी गुटबाजी का खेल जगजाहिर हो चुका है। जाहिर है ऐसे में अगर संजय अवस्थी चुनाव हार जाते हैं तो राजेंद्र ठाकुर को 2022 चुनावों में टिकट मिलना लगभग तय हो जाएगा। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों का भविष्य इस चुनाव पर अटका हुआ है दोनों में से जो भी चुनाव हारेगा अर्की क्षेत्र में उसका भविष्य लगभग तबाह ही हो सकता है। इसमें गौर करने लायक बात है कि राजेंद्र ठाकुर और गोविन्द राम शर्मा ने बगावत का रास्ता जरूर अपनाया है लेकिन पार्टी की सदस्यता नहीं छोड़ी है दोनों सुरक्षित होकर खेल रहे हैं। दोनों में से एक 2022 चुनावों में पार्टी प्रत्याशी के रूप में देखा जा सकता है और ऐसे में टिकट हासिल करने के लिए दोनों ही नेताओं को शक भरी नजरों से देखा जा रहा है। भले ही गोविन्द राम शर्मा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के कहने पर नामांकन भरना कैंसिल कर चुके हों लेकिन वरिष्ठ राजनीतिज्ञों का मानना है कि गोविन्द राम शांत रहने वालों में से भी नहीं हैं। वही कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी इसी बात को लेकर चर्चाएं हैं क्योंकि कहने को राजेंद्र ठाकुर भी शीत निद्रा में चले गए हैं लेकिन कांग्रेसी खुद यह मानने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी, दोनों को डिफेंडिंग और फ्रंटफुट दोनों पर खेलना होगा। ऐसे में दोनों ही प्रत्याशियों के पास ले देकर एक ही रास्ता है, जबरदस्त प्रचार। यही वह ब्रह्मास्त्र है जो जीत सुनिश्चित करवाएगा। किसी पर भी भरोसा करना अब खतरे से खाली नहीं है, हर कदम फूंक फूंक कर चलना होगा। कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए यह चुनाव जीतना बहुत महत्वपूर्ण है। भाजपा को 2022 चुनावों के लिए अपने कार्यकर्ताओं का भरोसा बना कर चलना है और जीत की राह पक्की करनी है वहीं कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को जीत कर आत्मविश्वास बढ़ाना है ताकि 2022 में सरकार बनाने को लेकर सभी को आश्वस्त कर सके।