अर्की उपचुनाव: जनादेश पर टिकी सबकी नजरें, देखना ये होगा कि किस पार्टी से किसको मिलेगा टिकट

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वीरभद्र सिंह के निधन के बाद खाली हुई अर्की विधानसभा सीट के जनादेश पर अब सबकी नजर है। नजर इसलिए भी क्योंकि इस सीट पर पिछले चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा था। यहां से भाजपा प्रत्याशी वीरभद्र सिंह जैसे सीएम कैंडिडेट के खिलाफ भी 28 हजार वोट ले गए थे। इस बार सियासत किस ओर बैठेगी, यह तब तय होगा जब दोनों दलों के टिकट तय हो जाएंगे।

हालांकि माना जा रहा है कि मुकाबला रतन सिंह पाल बनाम संजय अवस्थी ही होने वाला है। ये दोनों ही प्रत्याशी पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। अर्की विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अभी तक किसी भी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। भाजपा से किसे टिकट मिलेगा। इस पर अभी स्थिति साफ नहीं है। उधर, कांग्रेस संजय अवस्थी के नाम पर फैसला ले चुकी है, लेकिन घोषणा अभी बाकी है। यदि ऐसा हुआ तो वीरभद्र सिंह के करीबी राजेंद्र ठाकुर क्या करेंगे, यह भी देखना होगा।
हालांकि 2017 के चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी रहे गोविंद राम शर्मा ने इस बार दावा पेश किया है और साथ ही आठ अक्तूबर को नामांकन का ऐलान भी कर दिया है। ऐसे में बगावत का डर भाजपा में भी है। वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी बदलकर यहां से रतन सिंह पाल को टिकट दिया था। उन्हें वीरभद्र सिंह से हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन यह हार सिर्फ छह हजार वोटों के आसपास का ही थी। वीरभद्र सिंह को जहां 34,499 वोट मिले थे, तो वहीं रतन पाल सिंह को 28,448 वोट हासिल हुए थे। इस चुनाव में कुल पांच उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।